प्रयागराज, 11 जनवरी। प्रयागराज महाकुंभ 2025 में देश-दुनिया से लगभग 40 करोड़ लोग इसमें शामिल होने प्रयागराज पहुंचेंगे। सरकार ने 45 दिन के आयोजन में बुनियादी सुविधाओं पर भारी निवेश किया है। भारतीय उद्योग परिसंघ के अनुसार महाकुंभ से सरकार का राजस्व दो से ढाई लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। इससे पहले 2013 के महाकुंभ से सरकार को 12,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के मुताबिक महाकुंभ में उपभोक्ता चीजों का कारोबार 17,310 करोड़ रुपए से अधिक का हो सकता है। सिर्फ पूजा सामग्री की बिक्री 2,000 करोड़ और फूलों की बिक्री 800 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है। पिछले कुंभ (2019) में करीब छह लाख लोगों को अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगार मिला था। इस साल यह आंकड़ा डेढ़ गुणा तक बढ़ सकता है। उत्तर प्रदेश टूरिज्म डिपार्टमेंट के मुताबिक अब तक 45,000 परिवारों को इस आयोजन से रोजगार मिल चुका है।
राज्य सरकार ने 2024-25 के बजट में महाकुंभ के लिए 2,500 करोड़ रुपए आवंटित किए थे, जबकि केंद्र सरकार ने 2,100 करोड़ रुपए का स्पेशल पैकेज दिया। राज्य और केंद्र सरकार अब तक 6,382 करोड़ रुपए अलॉट कर चुकी हैं। इनमें से 5,600 करोड़ रुपए इवेंट मैनेजमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर खर्च किए गए।
यह पहली बार है जब कुंभ में एक साइबर टीम तैनात की गई है। 14-सदस्यीय टीम को निगरानी और साइबर अपराध को सुलझाने का काम सौंपा गया है। पहली बार यूपी पुलिस ने नदी के तल पर गश्त क
रने के लिए उन्नत इमेजिंग क्षमताओं से लैस अंडरवाटर ड्रोन तैनात किए हैं।
रिमोट-नियंत्रित लाइफबॉय के साथ ये ड्रोन 24/7 जलीय निगरानी की जा रही हैं। यह कमांड सेंटर को रियल टाइम का डेटा भेजते हैं। एआई निगरानी प्रणालियों के अलावा सरकार ने एआई-संचालित चैट-बॉट भी लॉन्च किया है, जो 11 से अधिक भाषाओं का समर्थन करता है। नेविगेशन में मदद करने के लिए गूगल मैप्स के साथ काम कर रहे हैं।